Thursday 26 April 2012

निवेश के मूल तत्व: Fundamentals of Investments

पिछले ब्लाग्स के लिए नीचे क्लिक करे:
निवेश का अर्थ: What is Investment?
निवेश: Investment
 
यहाँ हम निवेश के कुछ मूलभूत तत्थ्यो को समझेंगे. पिछले पेज के उदहारण से ही शुरुआत करते हैं. जहाँ कि एक खेत को 100 भागो के बाँट कर 50 भाग कुछ दोस्तों को देने कि बात थी. अब पूरी दुनिया में तो हमारे दोस्त हो नहीं सकते और दोस्तों और रिश्तेदारो के पैसे पर सिर्फ "टाटा मोटर्स" या "रिलाइंस इन्फ्रा" तो खड़ा नहीं हो सकता. इसलिए उद्योग पति आम जनता के पास जा के निवेश कि दरकार करता है. अब हमें ये समझना होगा कि क्यो हम उस 'खेत' या फिर 'कंपनी' का शेयर खरीदें. तो यहाँ निवेश के मूल तत्व सामने आते हैं. सबसे पहले तो आपको अपने अन्दर झांक के देखना होगा कि आपके पास वो क्षमता है की आप निवेश कर सके. तो कुछ निम्न लिखित बातो को समझाना होगा.
निवेश के मूल तत्व:
  1. जोखिम उठाने की क्षमता (Risk appetite)
  2.  निवेश हेतु धन (Capital) 
  3. निवेश की अवधि (Horizon) 
  4. निवेश का उद्देश्य 
  5. सुनियोजित निवेश (SIP)
  6.  लालच और परिणाम
जोखिम उठाने की क्षमता (Risk appetite): (The biggest risk is not taking risk: सबसे बड़ा जोखिम यह है कि कोई जोखिम ही न उठाये.) किसी भी प्रकार के निवेश में जोखिम रहता ही है. क्योंकि बहुत सारी परिस्थियो का आकलन समय से पहले नहीं लगाया जा सकता. जैसे कि अपने पिछले उदहारण को ही ले लें, तो हर जगह कि जलवायु हमेशा ही स्थिर नहीं रहती. इसी परिवर्तन के कारण कभी अच्छी फसल होगी कभी बुरी. मगर अगर खेत अच्छी जगह पर है तो इस बात कि सम्भावना कम है और अगर किसी साल कुछ गड़बड़ हो भी गई तो अगली साल उसकी पूर्ती संभावित है. इन बातो का अर्थ यह नहीं है कि सारा निवेश भगवान् भरोसे चलता है, मगर फिर भी बहुत सारी बातो पर मनुष्य का नियंत्रण नहीं होता.

जोखिम उठाने कि क्षमता पूर्ण रूप से आप पर निर्भर करती है. अगर आपको अपने बेटी कि शादी निकट भविष्य में करनी है या फिर आपकी आमदनी में बहुत स्थिरता नहीं है, तो आपका रिस्क प्रोफाइल कम है. परन्तु अगर अभी आपकी शादी भी नहीं हुई है या फिर आप पेंशन भोगी है और कुछ पैसे बच कर अगली पीढ़ी को देना चाहते हैं तो आपकी रिस्क क्षमता ज्यादा है. यहाँ मै फिर से एक बात साफ़ कर दूं कि जोखिम का ये मतलब बिलकुल नहीं है कि आप अपनी गाढ़ी कमाई को दाव पर लगा दे. रिस्क का सिर्फ इतना मतलब है कि आपको अपने पैसे कि जरूरत कितने दिनों के बाद पड़ती है. हमारे उदाहरण कि अनुसार अगर अगले दो वर्षो तक सूखा रहा तो क्या आपका घर चल पायेगा. क्योकि उस परिस्थिति में आपके खेत कि कीमत गिर चुकी होगी और आपके पास इन्तजार के सिवा कोई चारा नहीं होगा. (मगर क्या सिर्फ इंतज़ार आपके पैसो को फिर से बढ़ा देगा? इसके बारे में हम विस्तार से बात करेंगे)

तो जोखिम उठाने कि क्षमता का सीधा मतलब आपके व्यक्तित्व से है. अगर आप निवेश कर रहे हैं तो ये मान के चाहिए कि बहुत जादा धैर्य रखना पड़ेगा नहीं तो हानि कि सम्भावना बहुत बढ़ जाती है. तो सीधे सी बात ये है कि "काम करने से पहले जितना सोचना है सोचिये मगर एक बार निर्णय लेने के बाद उस पथ को मत छोड़िये." (विवेकानंद). धैर्य रखना या छोड़ देना पूरी तरह से ज्ञान के ऊपर है. अगर आपने अच्छी तरह से जांच परख कर किसी खेत में निवेश किया है तो एक दो साल कि कम बारिश भी आपको परेशान नहीं करनी चाहिए, किन्तु अगर बिना उचित समय व्यतीत किये सिर्फ किसी के कहने पर निवेश किया है तो फिर भगवान् ही मालिक है. हम इन बातो पर भी चर्चा करेंगे.

बहुत सारे लोगो में ये भ्रान्ति है कि उम्र का जोखिम उठाने से कुछ लेना देना है. यह बात बिलकुल गलत है (बेंजामिन ग्राहम). ये पूर्ण रूप से आपकी जिम्मेदारियों और बचत पर निर्भर है. उस बचत कि जिसकी आपको जरूरत नहीं है अगले कई वर्षो तक ( पिछले उदहारण के अनुसार, सूखा दो वर्षो तक भी रह सकता है और आपके धर्य कि परीक्षा ले सकता है ). जिस प्रकार सीखने कि कोई उम्र नहीं होती, निवेश कि भी कोई उम्र नहीं है. हाँ निवेश का उद्देश्य अलग हो सकता है. और जैसा मै बारबार कहता आ रहा हूँ कि निवेश रातो रात 'अम्बानी' बनने का मंत्र नहीं है, इस प्रकार के अव्यवहारिक लक्ष्य दिमाग में रखने से सिवाय कष्ट और हानि के कुछ भी नहीं प्राप्त होगा.

अब मै ये मान रहा हूँ कि जोखिम क्षमता के बारे में आप लोगो कि कुछ विचार धारणा बन गई है. आगे के लेख इस अवधारणा को और साफ़ तौर पर सामने रखेंगे.
आपको ये लेख कैसा लगा, Comment करना न भूले. धन्यवाद.
आगामी लेख:
  1. निवेश हेतु धन (Capital) 
  2. निवेश की अवधि (Horizon)
  3.  निवेश का उद्देश्य 
  4. सुनियोजित निवेश (SIP) 
  5. लालच और परिणाम

No comments:

Post a Comment