Thursday 26 April 2012

निवेश का अर्थ: What is Investment?

निवेश: Investment

किसी भी प्रकार से अपने बचे हुए धन को प्रयोग करना ताकि वो भविष्य में अपनी कीमत 'value' बरकरार रख सके या अधिक 'Increment' हो जाये निवेश है. चूकी महगाई दर या 'inflation' लगातार किसी सामान या सुविधा के मूल्य को बढ़ता जाता है, और वही सामान या सेवा भविष्य में उतने ही पैसे में नहीं मिलती. मतलब की उतने ही धन की कीमत का ह्रास या 'decrement' हो चुका है. एक उदहारण के तौर पर अगर दाल की कीमत आज से पांच साल पहले 40 रुपये किलो थी और आज के दिन 80 रुपये किलो है तो 40 रुपये अपनी कीमत खो करके 20 रुपये का हो चुका है. अब अगर यही 40 रुपये निवेश के पांच साल बाद 100 रुपये बन जाये तो इसका अर्थ है की आप ने मुद्रा स्फीति (Inflation) को पीछे कर दिया है. आप कैसे भी इस बात को घुमा फिर के कहें निवेश का वास्तविक उद्देश्य यही है. (Inteligent Investor : by Benjamin Graham)

अब आप अपना धन घर, सोना, स्टॉक, बांड या मुचुअल फंड खरीदने में लगते हैं ये आपके ऊपर है. कई बार आज की पीढ़ी को ये भ्रम हो गया है की सिर्फ शेयर खरीदना ही निवेश है. हम लोग इन सब निवेश की श्रेणियो की चर्चा करेंगे, परन्तु अभी यह जान ले कि टी वी या बिज़नस अखबार में लिखे जाने वाले लेख कितने भ्रमित हैं. मै यहाँ पर निवेश और खर्च, अथवा अपने खर्चे को क्योँ कम रखना चाहिए पर बात नहीं करूँगा. उसके लिए आप (Rich Dad & Poor Dad : By Robert Keyosaki) की किताब पढ़ सकते हैं.

जब आप एक आम का पेड़ लगाते हैं, तो उससे ये उम्मीद नहीं रखते की अगले दो साल में वो आपको बहुत सारा फल देगा जिसे आप खायेंगे भी और बेचेंगे भी. बल्कि आप ये सोचते है कि आपके आने वाली पीढ़िया इसे इस्तेमाल करेंगी. निवेश भी ऐसी ही चीज़ है, जिसको करने में बहुत वक्त और मेहनत लगाती है परन्तु जब एक बार निवेश कि जड़ गहरी हो जाती है तो वो आपको फल और छाया देता है, और अगली पीढ़े के लिए वरदान बन जाता है. तो हम यहाँ 'quick money' कि बात नहीं कर रहे. हम यहाँ ताउम्र चलने वाले 'rich dividend' और मुद्रा स्फीति को पीछे छोड़ने की बात कर रहे हैं. इसलिए किसी भी प्रकार की इंट्रा-डे ट्रेडिंग की टिप नहीं दूंगा.

शेयर मार्केट में निवेश: अगर मै एक खेत के 100 टुकडे कर दूं और अपने कुल 50 हिस्से को 50 दोस्तों में बेच दूं और कहूं की मुझे इसके बदले कुछ पैसे दो. उस पैसे से मै इसमे कुछ फसल उगाऊंगा और जो भी 'लाभ' मिलेगा उसे 100 भाग में बाँट कर के 50 हिस्सा अपने पास रखू और बाकि का 50 हिस्सा बाकि लोगो को दे दू. कुल फसल में से मजदूरी, खाद-पानी, बीज, बोआई, और अपना खर्चा काटने के बाद जो बचता है वही लाभ है. तो यहाँ पर मैंने अपने खेत के 100 शेअर 50 लोगो में बेचे हैं. मै उस खेत का CEO हूँ लोगो ने मेरी क्षमता देखते हुए या मुझ पे विश्वास करते हुए मेरे खेत में निवेश किया है. प्रति वर्ष फसल से मिलाने वाला पैसा 'dividend' है और जमीन की जो कीमत बढ़ रही है वो निवेश का बढ़ना है.

यही बात किसी कंपनी पर भी लागू होती है. उसका CEO कैसा है, जमीन कैसी है, पिछले कई वर्षो से खेती कैसी हुई है, इत्यादि बातो से उस कंपनी के प्रति शेअर का मूल्य निश्चित होता है. जब हम दिन प्रतिदिन सेंसेक्स के उतार चढाव की बात देखते हैं तो पिछली बातें बेमानी लगती है. किन्तु सत्य यही है कि सच्चा निवेश दिन प्रतिदिन नहीं किया जाता, वो वर्षो में एक बार किया जाता है और अधिक से अधिक समय के लिए किया जाता है. जिस प्रकार हर पेड़ एक बराबर फल नहीं देता और जो ज्यादा देता है उसका ताना नहीं काटा जाता, सच्चा निवेश भी दिन प्रतिदिन के आधार पर नहीं निर्णित होता.

निवेश के मूल तत्व जानने के लिए नीचे क्लिक करे:
निवेश के मूल तत्व: Fundamentals of Investments

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